नमस्ते दोस्तों, मैं हुं सतीशकुमार। दोस्तों, आज के बिजनेस लेसन में मैं आपके साथ “बिजनेस में कांपीटेषन करना चाहिए या नहीं करना चाहिए?” इसके बारे में डिस्कस करने वाला हुं। So hit Like to this Video and Let’s Begin…
दोस्तों, मुझे तो बिज़नेस में कांपीटेषन करना इतना सही नहीं लगता। क्योंकि भारत एक विशाल देश है। और अब तो ये एक Most Populous Country है। इदर हम सही से सर्विस देते हैं तो, क्वालीटी सर्विस देते हैं तो, Value for Money प्रोडक्ट देते हैं तो हम इतना पैसा कमा सकते हैं कि इसे गिनने के लिए मशीन लाना पड़ता है। लेकिन हमसे एक बड़ी गलती हो रही है। हम लोग आपस में कांपीटेषन के नाम पर लड़ रहे है। कोई तिसरा आके इसका फायदा उठा रहा है। जैसे हिंदु मुस्लिम लोग आपस में लड़ने से कट्टर ब्राह्मण और कट्टर जैन लोगों को फायदा होता हैं, उसी तरह हम भारतीय बिजनेसमैन आपस में लड़ने से विदेशी कंपनियों को फायदा होता है। हिंदू मुस्लिम लोगों को लड़वाने से कट्टर ब्राह्मणों को सत्ता मिलती है और कट्टर जैनों को धंधा यानि पैसा मिलता है। बाकी ब्राह्मण और जैनों कुछ नहीं मिलता। वे भी हमारे जैसे बहुत मासूम और गरीब है।
इंडियन कंपनियों के झगड़े में फारेन कंपनियां भारत को लूटती है। इसलिए मुझे लगता है कि भारतीय व्यापारियों को आपस में नहीं लड़ना चाहिए। भारत बहुत बड़ा देश है, इसे बाहर वालों की लूट से बचाना चाहिए। हमारे नेता लोग विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर Divide & Rule करके देश को लूट रहे हैं। हमारी देश की संपत्ति स्विस बैंक में सड़ रही है। इसलिए बिज़नेस में आपसी कांपीटेषन अच्छा नहीं है। कांपीटेषन करना ही है तो दुसरे देश के कंपनियों से करो। उनसे नहीं हो सकता है तो कांपीटेषन मत करो।
यदि आप दुसरों के साथ कांपीट करते हैं तो आप Number -1 बन सकते हैं। लेकिन यदी आप खुद के साथ कांपीट करते हैं तो आप Only 1 बनते हो। One and Only Brand. इसलिए दुसरे बिजनेस ओनर्स क्या कर रहे इसकी चिंता छोड़ो। आप क्या रहे हो, इसके उपर ध्यान दो। आपको क्या करना है इसे देखो। दुसरों के साथ कांपीट करने के चक्कर में खुद के पैसा, टैम, टैलेंट और एनर्जी को बर्बाद मत करो। दुसरे लोग कांपीट कर रहे हैं तो उन्हें करने दो। आप अपने आप को और अपने प्रोडक्ट को इंप्रूव करते रहो। बेस्ट सर्विस दो। क्वालिटी प्रोडक्ट दो। अपने संपूर्ण समय और पैसे को अपने बिजनेस के ग्रोथ के उपर लगा दो।
दुसरे लोग आपसे जलकर कम प्रैस में प्रोडक्ट बेच रहे हैं तो उन्हें बेचने दो। आप उनको टक्कर देने के लिए लास में प्रोडक्ट मत बेचो। जैसे कांपीटेटर प्रैस गिराता जाता है ना वैसे आप अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को बढ़ाते जावो। Customers को वैल्यू फार मनी सर्वीस दो। क्वालिटी सर्विस दो। क्वालिटी से बिजनेस ब्रैंड बनावो। तब लोग सस्ते चीजों को लात मारकर आपके पास आते हैं और मुँह मांगे दाम पर आपके प्रोडक्ट्स खरीदते हैं। सस्ती चीजों को बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों भी ज्यादा दिन Survive नहीं कर सकते। आप बस क्वालीटी मेंटेन करो कांपीटेषन ऑटोमैटिकली खत्म हो जाती हैं। इसके लिए एक बढिया एक्सामपल है – iPhone. लोग लोन लेकर iPhone को खरीदते है यार। आप भी ऐसा Brand बनो। छपरी चैनीस माल नहीं।
और एक बात को समझिए। जैसे आपको Beautiful Wife & Cute Kids होते है, उसी तरह दुसरे बिजनेसमेन को भी बिवि बच्चे होते हैं। आप बिज़नेस Rivalry में किसी और को मारते हो तो एक दिन आपको भी कोई न कोई मारता है। उस दिन आपके बीवी बच्चे भी रोड पर आते हैं। इसलिए फालतू कांपीटेषन के नाम पर दुसरों को गिराने को जाकर खुद मत गिर जावो। आप भी जिवो और दुसरों को भी जीने दो। अनहेल्दी कांपीटेषन को छोड़कर सबके साथ फ्रेंडली रिलेषनशीप को रखो। और हमेशा खुश रहो। अपनी पर्सनल ब्रैंड को अच्छा रखो और आगे बढो़। मुझे तो ऐसा लगता है, आपको इसके बारे में क्या लगता है इसे कमेंट करो। फीर मिलेंगे। धन्यवाद।